अंटार्कटिका से दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड यानी A-76 टूटकर अलग हुआ है, जो न्यूयॉर्क से तीन गुना बड़ा है। यह 4320 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जबकि न्यूयॉर्क का क्षेत्रफल 4320 sq km किलोमीटर है। यह हिमखंड रॉन आइससेल्फ (Ronne Ice Shelf) से अलग हुआ है, जो अंटार्कटिका के वेडेल सागर (Weddell Sea) में स्थित है। यह हिमखंड अब धीरे-धीरे दक्षिणी महासागर की ओर बढ़ रहा है, जिससे वहां के जलवायु और जैवविविधता पर असर पड़ सकता है।
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यह हिमखंड यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) के सैटेलाइट द्वारा देखा गया था, जो कोपर्निकस सेंटिनल-1 मिशन का हिस्सा है। इस मिशन का उद्देश्य अंटार्कटिका के आइसबर्ग, आइससेल्फ और ग्लेशियर की निगरानी करना है। इस हिमखंड का नाम A-76 रखा गया है, जो उस क्षेत्र के नाम के अनुसार है, जहां वह बना है। इस हिमखंड के बनने का मुख्य कारण है ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change), जिनसे अंटार्कटिका का पश्चिमी इलाका बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हिमखंड अभी तक किसी भी जीवित प्राणी के लिए खतरा नहीं है, क्योंकि वह अभी तक अंटार्कटिका के निकट ही है। लेकिन अगर वह आगे बढ़कर किसी द्वीप या तटीय इलाके से टकरा जाता है, तो वह वहां के समुद्री जीवों, जैसे पेंग्विन, सील और मछलियों के लिए बाधा बन सकता है। इसके अलावा, यह हिमखंड अपने आकार और वजन के कारण जलस्तर में बदलाव ला सकता है, जो बाढ़ और तूफान जैसी आपदाओं का कारण बन सकती है।